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हमारी आज़ादी

मेरा ये लेख मेरी सहेलियों(महिलाओं)के लिए
“अरे वो बहुत स्वतंत्र है,और एडवांस है ,,क्यों?अरे उसके ससुराल में उसे सलवार सूट,जीन्स, स्कर्ट पहनने की पूरी आज़ादी है ,,,,,,,अक्सर ये बातें दो महिलाओं के बीच आपने सूनी होगी,,,,,
मैंने भी बहुत सूनी ,,,,,इसलिए आज इस पर ही लिख रही हूँ,
क्या स्वतंत्रता , आज़ादी का मतलब हम महिलाओं के कपड़े पहनने से है ,
क्या जीन्स,सलवार सूट पहनी महिलाएं या लड़की ही स्वतंत्र होती है ,एडवांस होती है
साड़ी पहनी महिला नहीं ???????
मेरे हिसाब से
आज़ादी वह है जहाँ आपके खुद के शौक को पूरा करने की स्वतंत्रता है
आज़ादी वो है जहाँ आप अपने दिल की बात अपनों से करते है
आज़ादी वो है जहाँ आपको समझने के लिए आपका पूरा परिवार (ससुराल,मायका)है
आज़ादी वो है जहां आप अपने लिए समय निकाल पाते हो
आज़ादी वो है जहाँ आप अपनी ख़ुशी में सबकी ख़ुशी से शामिल हो जाते हो
हाँ साड़ी पहनना कुछ को बंधन लगता है वही सलवार सूट पहनना आज़ादी लगता है
इसका मतलब इसके दूसरे भाव से है
हाँ मैं ये मानती हूँ की
साड़ी में थोड़ा बंधन इसलिए है क्योंकि, आपको इसमें अपने पेट, पीठ को छुपाने के लिए ढेर सारी सेफ्टी पिन का इस्तेमाल करना पड़ता है (वो भी अगर आप चाहे तो)
जबकि सलवार सूट में ऐसा कुछ भी नही करना पड़ता
सिवाय दुपट्टा संभालने के
और लैगी,कुर्ती के चलन ने तो दुप्पट्टे को भी चलन से बाहर कर दिया है
आज़ादी कपड़ों से नहीं
आपकी , अपनी खुशी के लिए गए कार्यों से होती है ,
वर्तमान में …..
देश के उच्च पद में आसीन महिलाओं की बात करें तो
मुझे जींस, टी शर्ट ,स्कर्ट ,में कोई भी महिला नज़र नहीं आती
मैंने सभी को साड़ी पहनकर ही देश ,समाज,और परिवार के कार्यों को बेहतर दिशा देते देखा है ….
क्या ये सब स्वतंत्र नहीं
क्या ये सब एडवांस नहीं
क्या ये सब मॉडर्न नहीं?????
कपड़े नहीं सोच बदले …..
..ईश्वर का धन्यवाद जो
मुझे मायका और ससुराल दोनों ऐसा मिला …..जहाँ मैं ख़ुद को स्वतंत्र,
मॉर्डन ,
एडवांस महसूस कर सकती हूँ …
साड़ी पहनकर।

ये पोस्ट whatsapp पर एक महिला मित्र द्वारा साझा की गई थी।

4 thoughts on “हमारी आज़ादी

  1. खूबसूरत।इंसान कपड़ों से नही सोच से महान होता है।सही कहा।जहां बोलने चलने और मनमर्जी खाने पहनने की आजादी है सही मायने में वही आजादी है।

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  2. Yes you are cent% true & your way of expression is also fabulous. I have written a post. Please visit my blog, if you like then follow me & give your suggestion.
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    जिन्स पहनने से रेप हुआ
    अब हिजाब वालों को भी नहीं छोड़ा
    रात को बाहर जाने से रेप हुआ
    अब तो घर के अंदर वालों को भी नहीं छोड़ा

    STOP RAPE

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  3. बिल्कुल सत्य, कपड़ो का स्वतंत्रता से कोई संबंध नहीं है,और वैसे भी स्वचछंदता और स्वतंत्रता में फर्क होता है।

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