तज़ुर्बे कुछ हैं, कुछ हो रहें हैं, लड़खड़ा रहें हैं, फिर संभल रहें हैं । कभी गिर रहें हैं, कभी गिर के उठ रहें हैं, दिये से जल रहें हैं, हवा से चल रहें हैं। तज़ुर्बे कुछ हैं, कुछ हो रहें हैं, साफ़ दिल के मालिक रहें हैं, धोखे वाली फितरत नहीं, कभी ढाल रहें… Continue reading तजुर्बें
Month: April 2019
इम्तिहान ज़िंदगी के
कभी मौका मिले तो एक बार ज़िन्दगी का इम्तिहान लिया जाए, थोड़ा ख़ुद टूटा जाए, थोड़ा उसे बनाया जाए। कितनी हिम्मत बाकी बची है मुझमें, कितने ज़ख्म देना बाकी रहे हैं तुझमें, हज़ारों की भीड़ में शामिल एक हम,कुछ तो कमाल किया जाए। सिर्फ़ एक बार और ज़िन्दगी का इम्तिहान तो लिया जाए। लहरों से… Continue reading इम्तिहान ज़िंदगी के