मेरे ख़्वाबों में अक्सर साये आते हैं
कुछ धुंधले से, कुछ एकदम साफ़ से
कुछ दूर खड़े कुछ एकदम पास से
कुछ के चहरे नहीं होते
कुछ कुछ नहीं कहते
कोई कोई नकाब पहन कर भी आता है
और कोई सिर्फ अपनी आवाज़ ही सुनाता है
ये सब कभी मेरे पीछे भागते हैं
और कभी मैं इनके पीछे भागती हूँ
ना ये मेरे करीब पहुँच पाते हैं
ना मैं इनके करीब पहुँच पाती हूँ
कुछ समय के लिए हम साथ होते है
फिर वो भी चले जाते हैं
और मैं भी चला जाती हूँ
हर दिन वो भी अलग अलग आते हैं
और मैं भी बदला बदला सा जाती हूँ
हमेशा वो बिन बुलाए ही आते हैं
बस कुछ एक को कभी कभी
मैं खुद ही बुला लाती हूँ
ये साये ज़िन्दगी के किरदार से ही लगते हैं मुझे
कुछ समय बाद सब बदल जाते हैं
मेरे ख़्वाबों में अक्सर साये आते हैं
मेरी ज़िन्दगी में अक्सर साये आते हैं!!
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बहुत खूब लिखा है आपने!
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Thanks for the Appreciation
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